बस इतना ही तो चाहा था .....
तेरे आँचल में मैं सो जाऊँ....
बस इतना ही तो सोचा था...
तेरी आँखों में बस जाऊँ....
क्या इतना गलत चाहा था, क्या इतना बुरा सोचा था.....
बस इतना ही तो चाहा था
तेरे सपनो में मैं खो जाऊँ....बस इतना ही तो सोचा था
तेरे गीतों के बोल में बन जाऊँ....
क्या इतना गलत चाहा था, क्या इतना बुरा सोचा था.....
बस इतना ही तो चाहा था
तेरे लबों की मुस्कान मैं बन जाऊँ ....
बस इतना ही तो सोचा था
तेरे अश्को में मैं घुल जाऊँ....
क्या इतना गलत चाहा था, क्या इतना बुरा सोचा था.....
बस इतना ही तो चाहा था
तेरी हर सांस में मैं मिल जाऊँ...
बस इतना ही तो सोचा था
तेरे हर सपने को साकार मैं कर पाऊं...
क्या इतना गलत चाहा था, क्या इतना बुरा सोचा था.....