Saturday, September 20, 2008

teri yadein

ये बारिश ये बूंदे, ये साँसे ये आहें....तडपाये हमें , क्यूँ हर पल रुलाये....
वो ख्वाबो में उनका हमको सताना, वो हँसना रुलाना, वो बातें बनाना..
वो बातें वो यादें, वो साँसे वो धड़कन, तडपाये हमें, क्यूँ हर पल रुलाये....

वो पल-पल में उनका हमसे झगड़ना, फिर रोकर मेरी गोद में सोना....
वो उनको मानना, वो उनको हँसाना, वो हंसकर उनका मेरी बाँहों में छिपना..
वो बातें वो रातें , वो सांसे वो बाँहें , तडपाये हमें , क्यूँ हर पल रुलाये....

वो छिप-छिप कर बातों में दिन का गुजरना, एक पल का भी इंतज़ार अजल सा लगना...
वो रातों में भी उनका हमसे बातें करना, गाने गाना, गाते-गाते सो फिर जाना...
आह, वो बातें वो रातें , वो साँसे वो आँखे, तडपाये हमें , क्यूँ हर पल रुलाये....

VEER